google-site-verification=JdHF1jkqQ-qdLV09xKqoTi6x4YOWDwYgt2yiuJH6zPM SAMPOORN HINDI GRAMMER EDUCATION: 'ने' प्रत्यय का नियम और प्रयोग

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29, ఆగస్టు 2018, బుధవారం

'ने' प्रत्यय का नियम और प्रयोग


☆भूतकालिक सकर्मक क्रिया के साथ 'ने' प्रत्य लगता है। सामान्य, आसन्न,पूर्ण,संदिग्ध भूतकालों में क्रिया सकर्मक होने पर  'ने' विभक्ति का प्रयोग कर्ता के साथ होता है
 उदा:- 
○गोविंद ने कविता पढ़ी।(सामान्य भूत)
○गोविंद ने कविता पढ़ी है।(आसन्न भूत)
○गोविंद ने कविता पढ़ी थी।(पूर्ण भूत)
○गोविंद ने कविता पढ़ी होगी।(संदिग्धभूत)


☆ कर्म के लिंग और वचन के अनुसार क्रिया होती है।
उदा:-
◇रवि ने कविता सुनी।
◇लता ने पत्र लिखा।
◇राम ने चित्र देखा।
◇गोपाल ने दो फल खाये।इसलिए 
 उपर्युक्त वाक्यों में सभी क्रियाएँ (सुनी, लिखा,देखा, खाये) कर्म (कविता, पत्र,चित्र,दोफल) के लिंग, वचन के अनुसार लिखा गया।


☆जब कर्म का लोप होता है, तब क्रिया पुल्लिंग एकवचन में होती है।
उदा:- 
लड़के ने खरीदा।
लड़की ने खरीदा।
लड़कियोंं ने खरीदा।
लड़कों ने खरीदा।
शंकर ने खेला।
ज्योति ने खाया।
कृष्ण ने मारा।
 उपर्युक्त सभी उदाहरणोंं में कर्म का लोप होता है।इसलिए उपर्युक्त सभी वाक्यों में प्रयुक्त सभी क्रियाएँ पुल्लिंग एकवचन में होती हैं।

☆जब कर्ता के साथ 'ने'विभक्ति और कर्म के साथ 'को'लगता है, तब क्रिया पुल्लिंग एकवचन में होती है।
उदा:-
लड़के ने बिल्ली को मारा।

☆बोल,भूल,ला, लग,सक,चुक=> इनके क्रियाओं का प्रयोग करते समय कर्ता के साथ  'ने' प्रत्यय नहीं लगता।
उदा:-
○हम सभा में बोले।
○वह पाठ भूल गया।
○गोपाल बाज़ार से फल लाया।
○लड़के क्रिकेट खेलने लगे।
○मैं गेंद पकड़ सका।
○ललिता पत्र लिख चुकी।










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