लिंग:-
जिस चिह्न से इस बात का पता चले कि संज्ञा स्त्री जाति की है अथवा पुरुष जाति की है, उस चिह्न को 'लिंग' कहते है।
उदाहरण-
1. माँ खाना बना रही है।
2. अध्यापिका कक्षा मेंं पढ़ा रही है।
3. सुनार आभूषण बना रहा है।
4. अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहा है।
लिंग भेद:-
लिंग के निम्नलिखित दो भेद हैं
1.पुलिंग
2.स्त्रीलिंग
1.पुलिंग:-पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्दों को 'पुलिंग' कहते हैंं।
2.स्त्री लिंग:-स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द 'स्त्री लिंग ' कहलाते हैं।
लिंग पहचान के कुछ नियम:-
पुलिंग की पहचान:
1. मासों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: चैत्र, वैसाख, सावन, मार्च, जून आदि।
2.पर्वतों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: अरावली, विंधयाचल,हिमालय आदि।
3.द्रव्य पदार्थों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: दूध,दही,पानी,घी आदि।
4.वृक्षों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: पीपल, नीम, आम, अशोक आदि। (अपवाद- इमली, मौलसिरा)
5.अन्नों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: चावल, मक्का,जौ,उड़द,गेहूँँ आदि।
6.वारों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: रविवार, सोमवार, मंगलवार आदि।
7.रत्नों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: नीलम, हीरा, लाल, मोती आदि।
8. दैहिक अवयवों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे : नाक, मस्तक, पैर, हाथ आदि।
9. धातुओं के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: स्टील, सोना, ताँबा, लोहा आदि।
10.जिन शब्दों के अन्त में 'त्र' वर्ण आता हो, वे प्रायः पुलिंग होते हैं।
जैसे: वस्त्र, चित्र, चरित्र,नेत्र, नक्षत्र आदि।
11. जल और स्थल भाग के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: तालाब, सागर, देश,नगर , पठार आदि।
12.जिन शब्दों के अंत मेंं 'अ' आता हो, तो उनकी गणना पुलिंग में की जाती हैं।
जैसे: मिलाप, उपवन,बोल, खेल आदि।
13.जिन शब्दों के अन्त में 'आ','आव','पा','पन','न' प्रत्यय लगे हों, वे प्रायः पुलिंग ही होते हैं।
जैसे:मोटा,पैसा,लगाव,बहाव,बुढ़ापा,लड़कपन, चमन,दमन आदि।
14.कुछ ग्रहों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे:सूर्य, चंद्रमा, मंगल,बुध आदि।
स्त्रीलिंग की पहचान:
1. नक्षत्रों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:भरणी, रोहिणी आदि।
2. तिथियों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे: पूर्णिमा, अमावस्या आदि.
3. किसी बोली अथवा लिपि के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:सिंधी, पंजाबी, देवनागरी आदि।
4.नदियों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:रावी, गोदावरी, गंगा,यमुना आदि।
5. कुछ इकारान्त और उकारान्त संज्ञाएँ स्त्री लिंग होती हैं।
जैसे:राशि,विधि, छवि आदि।
6.कुछ आहारों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:खिचड़ी, रोटी,सब्जी,खीर आदि।
7.किराने के सामान के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:इलायची, लौंग, जावित्री आदि।
8. संस्कृत के आकारांत शब्द स्त्री लिंग ही होते हैं।
जैसे: सभा, प्रतिज्ञा आदि।
9. कुछ सामासिक शब्द स्त्री लिंग ही होते हैं।
जैसे: पर्णकुटी, पाठशाला, धर्मशाला आदि।
पुलिंग की पहचान:
1. मासों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: चैत्र, वैसाख, सावन, मार्च, जून आदि।
2.पर्वतों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: अरावली, विंधयाचल,हिमालय आदि।
3.द्रव्य पदार्थों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: दूध,दही,पानी,घी आदि।
4.वृक्षों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: पीपल, नीम, आम, अशोक आदि। (अपवाद- इमली, मौलसिरा)
5.अन्नों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: चावल, मक्का,जौ,उड़द,गेहूँँ आदि।
6.वारों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: रविवार, सोमवार, मंगलवार आदि।
7.रत्नों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: नीलम, हीरा, लाल, मोती आदि।
8. दैहिक अवयवों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे : नाक, मस्तक, पैर, हाथ आदि।
9. धातुओं के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: स्टील, सोना, ताँबा, लोहा आदि।
10.जिन शब्दों के अन्त में 'त्र' वर्ण आता हो, वे प्रायः पुलिंग होते हैं।
जैसे: वस्त्र, चित्र, चरित्र,नेत्र, नक्षत्र आदि।
11. जल और स्थल भाग के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे: तालाब, सागर, देश,नगर , पठार आदि।
12.जिन शब्दों के अंत मेंं 'अ' आता हो, तो उनकी गणना पुलिंग में की जाती हैं।
जैसे: मिलाप, उपवन,बोल, खेल आदि।
13.जिन शब्दों के अन्त में 'आ','आव','पा','पन','न' प्रत्यय लगे हों, वे प्रायः पुलिंग ही होते हैं।
जैसे:मोटा,पैसा,लगाव,बहाव,बुढ़ापा,लड़कपन, चमन,दमन आदि।
14.कुछ ग्रहों के नाम पुलिंग होते हैं।
जैसे:सूर्य, चंद्रमा, मंगल,बुध आदि।
स्त्रीलिंग की पहचान:
1. नक्षत्रों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:भरणी, रोहिणी आदि।
2. तिथियों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे: पूर्णिमा, अमावस्या आदि.
3. किसी बोली अथवा लिपि के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:सिंधी, पंजाबी, देवनागरी आदि।
4.नदियों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:रावी, गोदावरी, गंगा,यमुना आदि।
5. कुछ इकारान्त और उकारान्त संज्ञाएँ स्त्री लिंग होती हैं।
जैसे:राशि,विधि, छवि आदि।
6.कुछ आहारों के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:खिचड़ी, रोटी,सब्जी,खीर आदि।
7.किराने के सामान के नाम स्त्री लिंग होते हैं।
जैसे:इलायची, लौंग, जावित्री आदि।
8. संस्कृत के आकारांत शब्द स्त्री लिंग ही होते हैं।
जैसे: सभा, प्रतिज्ञा आदि।
9. कुछ सामासिक शब्द स्त्री लिंग ही होते हैं।
जैसे: पर्णकुटी, पाठशाला, धर्मशाला आदि।
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