1) निर्गुण भक्ति धारा के ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि ईश्वर को निर्गुण निराकार मानते हैं।
2)तुलसी कृत रामचरितमानस में सात खाण्ड है।
3)सगुण भक्ति धारा के कवि ईश्वर को सगुण अवतारवादी मानते हैं।
4) हिंदी साहित्य में रसखान मुसलमान कवि कृष्ण भक्त के नाम से लोकप्रिय है।
5) रसखान के काव्य की भाषा शैली-ब्रजभाषा में सवैया।
6)आत्माभिव्यक्ति की प्रधानता ज्ञानाश्रयी शाखा के साहित्य में मिलती है।
7) ईश्वर से संबंधित रहस्यात्मक उक्तियां ज्ञानाश्रयी शाखा के साहित्य में मिलती है।
8)भ्रमरगीत में विप्रलंभ श्रृंगार की प्रधानता है।
9)वैष्णव भक्ति का प्रादुर्भाव पहले दक्षिण भारत में हुआ था।
10) ईश्वर प्राप्ति के लिए नाथ पंथियों ने हठयोग पर जोर दिया।
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